Wine is always dangerous, See how ?

प्रसंग वश ??

शराब व्यापारियों और आबकारी तथा वित्त विभाग के नौकरशाह आकाओं ने मिलकर गांधी वादी मुख्यमंत्री से करवा दिया घातक फैसला ।

सरकार को शराब की दुकानें खोलने का परामर्श देने वाले अधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार की डेढ़ महीने की मेहनत और लोकडाउन का पालन करने वाली आम जनता के त्याग पर पानी फेर दिया सरकार ने अर्थ व्यवस्था की कीमत पर डेढ़ महीने का लोकडाउन करके कोरोना प्रसार पर जो रोक लगाई और जनता ने भी पूरी सहनशीलता के साथ घर के अंदर रह कर निर्दशों का पालन किया इसलिये सम्पूर्ण देश में स्थिति नियंत्रण में है राजस्थान में तो दूरदर्शी मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी के देश में सम्पूर्ण लोकडाउन की घोषणा के तीन दिन पूर्व ही लोकडाउन की घोषणा कर दी थी मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में सम्पूर्ण सरकारी तंत्र ने जिस प्रकार इस महामारी से जनता को दूर रखा उसी का परिणाम है कि जहाँ विकसित देश धाराशाही हो गये और लाखों लोगों की कोरोना ने जान ले ली वहीं राजस्थान जैसा पिछड़ा प्रदेश केवल चंद मोतों के साथ अपनी जनता की रक्षा कर पाया ।???

लेकिन शराब की दुकानें खोलने की राय दे कर शराब व्यवसायियों से मिली भगत रखने वाले अधिकारियों ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है आज दस बजे से ही शराब की दुकानों के आगे सैकड़ों की तादाद में लोग इकट्ठे हो गए तमाम प्रयासों के बाबजूद पुलिस सोशल डिस्टेंसीगं की पालना करवाने में पूर्ण तया नाकाम रही शराब के शौकीन लोगों से अनुशासन की उम्मीद रखना बेवकूफी है आशंका यही जताई जा रही थी कि शराब की दुकानें खुली तो लोग उमडेगें और कोरोना वाइरस को घर घर पहुंचने का मौका मिला जायेगा इस आशंका के विपरीत शराब व्यवसायियों से मिलीभगत करके राज्य सरकार में वित्त व आबकारी विभाग के अधिकारियों ने सरकार को यह परामर्श दिया और नतीजा सामने है तीन घंटे में ही प्रदेश में यह स्थिति हो गई कि सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना पड रहा है परंतु इतना होने के बाबजूद भी यह सोशल डिस्टेंसीगं के कुछ नये फार्मूले इजाद करके सरकार से शराब की दुकानें पुनः खुलवाने की फिर से पुरजोर कोशिश करेंगे ।

सरकार अब शराब की दुकानें बंद करवा रही है शराब की दुकानों पर मौजूद लोग निराश होने के साथ ही अवसाद में कानून व्यवस्था को भी बिगाड़ सकते हैं डेढ महीने से स्वयं पर नियंत्रण रख कर घर में बैठे लोगों को शराब की दुकान खुलने का निमंत्रण दे कर बहुत ही अदूरदर्शिता पूर्व कदम उठाया है मुख्यमंत्री जी को चाहिए कि वह शराब व्यवसायियों से साठगांठ रखने वाले आबकारी विभाग के नौकरशाहों की राय मानने से पहले इस पर विचार करें की इस परामर्श के पीछे उनका क्या निजी स्वार्थ है ऐसे अधिकारियों की बात पर भरोसा करना भारी पड़ सकता है ।???

शराब व्यवसायियों के लालच और वित्त आकाओं के मिली भगत पूर्ण स्वार्थ ने जिस प्रकार सोशल डिस्टेंसीगं की धज्जियां ऊडवाईं हैं यह हरकत कोरोना प्रसार में व्यापकता ला सकती है मेरी भगवान से प्रार्थना है कि शराब की दुकानों पर इकट्ठा हुए लोगों में कोई संक्रमण नहीं फैले भगवान नहीं करे यदि इन लोगों के बीच कोई भी कोरोना कैरियर हुआ तो उसका समपर्क इतिहास मालूम करना ही दुश्कर हो जायेगा और गंभीर दुश्परिणाम देखने पडेंगे खुदा खैर करे … वैसे मुख्यमंत्री जी ने इनकी चाल समझ में आते ही यह फैसला वापस ले कर काफी हद तक लोगों की जान बचाने का महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है इसके लिए सरकार बधाई की पात्र है ।

आपका अपना राजेश टंडन वकील अजमेर ।?