समय और सोच का अंतर देखिये, सिर्फ शराब के 70% टैक्स बढ़ जाने से कुछ नही होता

1/- दस रू किलो टमाटर लेकर ताजा चटनी खा सकते हैं , मगर हम डेढ़ सौ रू किलो का टमाटो साॅस खाते हैं वो भी एक दो माह पहले बनी हुई बासी

2/- पहले हम एक दिन पुराना. घड़े का पानी नहीं पीते थे अब तीन माह पुराना बोतल का पानी बीस रू लीटर खरीद कर पी रहे हैं

3/ पचास रू लीटर का दूध हमे महंगा लगता हैं और सत्तर रू लीटर का दो महीने पहले बना हुआ कोल्ड ड्रिंक हम पी लेते हैं

4/ दो सौ रू पाव मिलने वाला शरीर को ताकत देने वाला ड्राई फ्रुट हमे महंगे लगते है मगर 400 रू का मैदे से बना पीज्जा शान से खा रहे हैं

5/ अपनी रसोई का सुबह का खाना हम शाम को खाना पसंद नहीं करते जब कि कंपनियों के छह माह पुराने सामान को हम खा रहे हैं जबकि हम जानते है कि खाने को सुरक्षित रखने के लिए उसमें प्रिजर्वेटिव मिलाया जाता है

6/ डेढ़ माह के लाँक डाऊन मे सबको समझ में आ गया होगा कि बाहर के खाने के बिना भी हमारा जीवन चल सकता हैं बल्कि बेहतर चल सकता है, व हम स्वस्थ भी रह रहे है ।

अब निर्णय हमें करना है कि हमारे हित मे क्या है ।
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