Government vs Private – Easy way to understand in Hindi
- देश के सबसे अच्छे अस्पताल का नाम मेदांता नहीं एम्स है जो सरकारी हैं ,
-
सबसे अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम IIT है जो सरकारी हैं
-
सबसे अच्छे मैनेजमेंट कॉलेज का नाम IIM है जो सरकारी हैं ,
-
देश के सबसे अच्छे विद्यालय केन्द्रीय विद्यालय हैं जो सरकारी हैं ,
-
देश के एक करोड़ लोग अभी या किसी भी वक़्त अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए सरकारी रेल में बैठते हैं,
-
नासा को टक्कर देने वाला ISRO अम्बानी नहीं सरकार के लोग चलाते हैं.
-
सरकारी संस्थाएँ फ़ालतू मे बदनाम हैं, अगर इन सारी चीज़ों को प्राइवेट हाथों में सौंप दिया जाए तो ये सिर्फ़ लूट खसोट का अड्डा बन जाएँगी।
-
निजीकरण एक व्यवस्था नहीं बल्कि नव रियासतीकरण है।
-
निजीकरण से बेरोजगारी बढेगी जो सरकारी संस्थान 1 लाख लोगो को रोजगार दे रहा हैं वो निजी हाथो मे ज़ाते ही 15 -20 हजार से काम करायेंगे मतलब 80% लोग बेरोजगार होंगे
-
अगर हर काम में लाभ की ही सियासत होगी तो आम जनता का क्या होगा ?
-
कुछ दिन बावाले-रियासतीकरण वाले लोग कहेगें कि देश के सरकारी स्कूलों, कालेजों, अस्पतालों से कोई लाभ नहीं है अत: इनको भी निजी हाथों में दे दिया जाय तो जनता का क्या होगा ?
-
अगर देश की आम जनता प्राइवेट स्कूलों और हास्पिटलों के लूटतंत्र से संतुष्ट है तो रेलवे, बैंकों एंव अन्य सरकारी संस्थाओं को भी निजी हाथों में जाने का स्वागत करें
-
हमने बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए सरकार बनाई है न कि सरकारी संपत्ति मुनाफाखोरों को बेचने के लिए।
-
अगर प्रबंधन सही नहीं तो सरकार सही करे, भागने से तो काम नही चलेगा।
-
निजिकरण एक साजिश है, कि पहले सरकारी संस्थानों को ठीक से काम न करने दो, फिर बदनाम करो, जिससे निजीकरण करने पर कोई बोले नहीं, फिर धीरे से अपने आकाओं को बेच दो।
जिन्होंने चुनाव के भारी भरकम खर्च की फंडिंग की है। -
याद रखिये पार्टी फण्ड में गरीब मज़दूर, किसान पैसा नही देता। पूंजीपति देता है। और पूंजीपति दान नहीं देता, निवेश करता है। चुनाव बाद मुनाफे की फसल काटता है।
-
आइए विरोध करें निजीकरण का। सरकार को अहसास कराएं कि अपनी जिम्मेदारियों से भागे नहीं, सरकारी संपत्तियों को बेचे नहीं।
अगर कहीं घाटा है तो प्रबंधन ठीक से करे।