Drugs in India, Banned Wine in India Logically

भाइयों अभी यह सिर्फ 30 परसेंट ही ऐसे लोग हैं जो बीड़ी सिगरेट तंबाकू का सेवन करते हैं तब दुकान पर इतना बुरा हाल है अभी लोगों की तो डिमांड यह भी थी कि दारू के ठेके खोल दिए जाएं

सोचो अगर दारू के ठेके खुल गए तो ठेकों का क्या हाल होगा फिर सरकार लोग डॉन को रोक नहीं पाएगी इसलिए सरकार जो कर रही है सर सही कर रही है अभी तो जहां पका हुआ खाना बट रहा है वहां पर भी बुरा हाल है कहीं कहीं देखा है लाइन लगती है

मैं तो सरकार से यह कहूंगा जितनी भी संस्थाएं हैं जो खाना बांट रही हैं और सरकारी भी हैं जो खाना बांट रही हैं बना हुआ पका हुआ वह सब बंद कर दिया जाए और कच्चा खाना ही दिया जाए एक बार में 15 दिन का मगर सरकार के पास इतना सोचने के लिए ध्यान ही नहीं है

जब केस बहुत बढ़ जाएंगे संभालने के लिए कुछ भी समझ में नहीं आएगा फिर यह जितने भी बड़े-बड़े नेता लोग हैं सब लोग अपने-अपने घरों में बैठ जाएंगे और जनता खुद ब खुद अपने आप से करेगी जो कुछ करना है मरती है तो मरती रहे जनता

इसमें गलती जनता की भी है जो लोग लापरवाही कर रहे हैं और बिना वजह बाहर जा रहे हैं मेरा एक दोस्त है रोज ही बाहर जाता है मैसेज जब भी फोन पर पूछता हूं तो बोलता है कि मैं बाहर हूं और उसकी मम्मी शुगर पेशेंट है जिसकी शुगर 400 साडे 400 हमेशा ही रहती है उसे फिर भी कोई परवाह नहीं है उसका कहना यह है कि मैं किसी से जाकर टच सुना होता हूं

उसे यह भी पता है कि वायरस लगने में कितनी देर लगती है यह कोई करंट नहीं है जो करंट लगा और पता लग गया कि हां मुझे वायरस आ गया है मैं एक बात कहना तो भूल ही जा उसकी घरवाली प्रेग्नेंट भी है फिर भी उसे कुछ भी अपने परिवार की ध्यान नहीं मैं एक घटना बताता हूं 20 दिन पहले कि हमारे पड़ोस की बच्ची घर में ही खेल रही थी उसके पैर में फैक्चर हो गया और उसे दीनदयाल लेकर गए थे वहां उन्होंने पलस्तर तो कर दिया मैं बहुत डर डर कर गया था

फिर 20 दिन के बाद वह प्लस पर हमने घर पर ही काट दिया दोबारा हॉस्पिटल नहीं गए वजह यही कि हम लोग सेफ रहे हैं अब वह बच्ची ठीक है मैंने आज ही सुबह एक नर्स का इंटरव्यू सुना वह काफी कुछ बोली हॉस्पिटल के बारे में कि हमें कैसे सेफ रहना है और वह लोग कैसे सेफ रहते हैं ना होते हुए भी कितने कितने घंटे मार्क्स लगाते हैं
जो कि हम यह मास का आधा घंटा भी नहीं लगा सकते
डॉक्टर लोग पुलिस वाले सफाई वाले इनकी मजबूरी है काम करना यह काम हम लोगों के लिए ही कर रहे हैं और हम लोग इन्हीं को बुरा भला बोलते हैं

हमारी भलाई इसी में है बिना वजह बाहर ना आ जाएं बहुत मजबूरी हो तभी बाहर जाएं और अपने दोस्तों मित्रों को भी यही सलाह दें अगर मैंने कुछ गलत कहा हो तो माफ करना
कुछ लोगों को सच्ची बात सुनते ही पड़ा बुरा लगता है?????????