महाराजा सूरजमल एवँ महाराणा प्रताप – कहानी

महाराजा सूरजमल एवँ महाराणा प्रताप

  1. जब महाराजा सूरज मल राजा बने उस समय केवल ड़ीग के राजा थे।

उसके बाद मुगलों से छीन के धौलपुर से हरिद्वार एवं एटा-मैनपुरी से रेवाड़ी झज्जर रोहतक तक सामराज्य का विस्तार किया।

महाराजा सूरजमल कूटनिति मे कुशल थे। इसी के चलते उनके पुत्र ने दिल्ली को 6 माह बन्दी बना के रखा एवं भारी खर्चे की रकम ली। मुगल बादशाह ने अपनी बेटी भी शादी दी जिसकी शादी अपने सेनापतति से करवा दी।

लाल किले का सिंहासन एवं गेट उतार ले गए।

  1. महाराणा प्रताप को जो विरासत मे मिला, वह उसी को ना बचा सके।

महाराणा प्रताप के पडोसी राजाओं की बात तो बहुत दूर की है, उनके सगे भाई भी अकबर की सेना के सेनापति थे।

यदि सारे राजपूत राजा मिल के अकबर से युद्ध लडते तो जीत राजपूतो की होती परंतु सभी मे अकड एवं आपसी जलन इतनी थी कि अकबर से अपनी बहन-बेटियों की शादी करने की होड मची थी। 35 बेगमों मे से 25 हिन्दू थी वो भी सभी राजपूत राजकुमारियां थी।

लेकिन इतिहास के पंडितों के वो खास थे, जैसे आज की मीडिया है जो सिर्फ मोदी का राज कायम रखने और बगावत ना पैदा होने देने के लिए काम करती है।