क्या साजिश थी भारत चीन बॉर्डर पर?

मोदी ने बिहार रेजिमेंट को बिहार चुनाव के मद्देनजर गलवान घाटी में तैनात किया। *प्लान ये रहा होगा कि कुछ भारतीय बिहारी सैनिको को चीनी सीमा में प्रवेश कराया जाएगा और वो चीनी सैनिकों द्वारा पकड़ लिए जाएंगे।

फिर मोदी उनका तारणहार बनके सामने आएगा। और सभी सैनिकों को सुरक्षित वापस ले आएगा। ऐसे में उसकी छवि हीरो की बन जाएगी और बिहार चुनाव में इस घटना को भुनाया जाएगा। तब EVM से की गई धांधली भी छुप जाएगी।

लेकिन इसका उलट हो गया। चीनी सेना ने 20 (या शायद उससे भी ज्यादा) भारतीय सैनिकों को गिरफ्तार करने की बजाय पीट पीट कर मार डाला। कुछ सैनिकों ने आत्मसमर्पण करके अपनी जान बचाई।

एक अभिनंदन को वापस लाने पर देशभर में खुशी का माहौल बना था। यहां पर तो शायद 300 सैनिकों को वापस लाने की बात थी। मेरा शक तो ये है कि सैनिक सुरेन्द्र सिंह की बात को सच माना जाए तो वहां 300 सैनिक थे, 20 शहीद हो गए बताते है, सिर्फ 10 लौटकर आए, बाकी 270 सैनिकों का क्या हुआ?

ये बस मेरा अनुमान है, लेकिन मोदी के पिछले इतिहास को देखते हुए इस साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता। जैसे पुलवामा में अपने ही देश के सैनिकों को मरवा कर देशभर में लोगो की भावनाओ को भड़काया गया, शायद भारत चीन बॉर्डर पर भी कुछ ऐसी ही साजिश रची गई हो।

पुलवामा की जांच आज तक नहीं करवाई गई है कि आखिर कैसे 300 किलो RDX भारतीय सीमा के इतना अंदर तक आया? राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है, लेकिन इसपर बोलना मना है।

बाकी सवाल पूछने वाले देशद्रोही है। लेकिन आजतक की पत्रकार श्वेता सिंह पूरे घटनाक्रम को सेना की नाकामी बताकर भी देशभक्त है।

  • AnaryaRP
    21.06.2020

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